निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

कवि ने किन पंक्तियों में यह व्यक्त किया है कि हमें गर्व-रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए?

कवि ने निम्न पंक्तियों में यह व्यक्त किया है कि हमें गर्व रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए। रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में, सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में| इन पंक्तियों में कवि कहने की कोशिश कर रहा है कि अगर ईश्वर ने सुख-साधन, धन संपत्ति दिए हैं तो हमें उन पर गर्व नहीं करना चाहिए, इस संसार में कोई अनाथ नहीं है क्योंकि ईश्वर सबके नाथ हैं। इस कथन के माध्यम से कवि परोपकार का सन्देश देना चाहते हैं|


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